हरिद्वार। भारत माता मंदिर के संस्थापक पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि मंगलवार सुबह हरिद्वार में उनके निवास स्थान राघव कुटीर में ब्रह्मलीन हो गए। वह पिछले 15 दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्हें 5 दिन पहले हरिद्वार स्टेट उनके आश्रम ले आया गया था। यहीं पर उनकी कुटी को आईसीयू में तब्दील कर उनका इलाज चल रहा था। साथ ही उनके दीर्घायु होने की कामना को लेकर धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा रहे थे। वहीं, सरकार ने पद्मभूषण सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज के ब्रहमलीन होने पर बुधवार 26 जून (एक दिन) का राजकीय शोक घोषित किया है। बुधवार को प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और कोई भी शासकीय मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जायेंगे।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि (87 वर्ष) के फिर से और जूना अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के मंगलवार को ब्रह्मलीन होने की जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को उनके निवास स्थान राघव कुटीर में बुधवार को समाधि दी जाएगी। सत्यमित्रानंद गिरि के ब्रह्मलीन होने से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है और देशभर के सभी प्रमुख संतो का राघव को ट्वीट पहुंचना शुरू हो गया है। स्वामी अवधेशानंद गिरि जगतगुरु राज राजेश्वर आश्रम महामंडलेश्वर अभी चेतनानंद महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद स्वामी विवेकानंद भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने उनके ब्रह्मलीन होने पर शोक व्यक्त किया है।