थत्यूड़ | इन दिनो गर्मी के चलते जौनपुर विकास खण्ड का मथलाऊं गांव पेय जल के लिए परेशान है| बतादेसबसे ज्यादा कठिनाईया इन दिनो गांव मे पालतु पशुओ भैंस गाय आदि को पानी देने की हो रही है|
गांव के निवासी महावीर रावत ने बताया की मुख्यतः पेयजल की जो समस्या गांव मे है वो 12 ही महिने है क्योंकि जंहा से गांव का पानी आता था वह श्रोत 2013 की भीषण आपदा के चलते तबाह हो गया था और अब उस श्रोत मे पानी भी नही है जिस कारण गांव वालो ने गदेरे मे पानी के लिए पाईप डालकर अपने लिए पेयजल की व्यवस्था की है किन्तु जिस गदेरे से पानी आ रहा है वह बिना फिल्टर किए हुए डायरेक्ट जोडा गया है और गदेरा पूरी तरह दुषित भी है| किन्तु गांव के लोग मझबुरन इस दुषित पेयजल को पी रहे है| और इन दिनो गदेरे से भी पानी गांव तक नही पंहुच पा रहा क्योंकि गदेरे मे भी पानी कम है गांव वालो का कहना है कि लगभग 20 साल पहले गांव मे
पेयजल योजना बनी थी और 2013 की आपदा मे श्रोत तबाह हो गया उसके बाद श्रोत मे काम तो हुआ किन्तु पानी नही मिल पाया | एक योजना पेयजल की मंजुर हुई भी किन्तु पडोसी गांव वालो ने अपने स्रोत से पानी देने से मना कर दिया| वंही गांव वाले इन दिनो पडोस के गांव या दुषित गदेरे में ही जाकर पानी सर पर या खच्चरो पर लाद कर लाने को मझबुर है गांव मे जल संस्थान के द्वारा भी कोई टेंकर की व्यवस्था भी नही की गई है| गांव वालो की मांग है कि गांव मे एक हेडपम्प लगवाया जाए जिस सम्बन्ध मे उन्होंने मुख्यमन्त्री को भी पत्र लिख कर भेजा है| साथ ही गांव मे पेयजल की किल्लत को देखते हुए नई पेयजल योजना की भी मांग की है| मांग करने वालो में महाबीर सिंह रावत, महिपाल सिहँ, ध्यान सिंह अतोल सिंह, रणजीत सिंह, कुलवीर सिहँ, विरेन्द्र सिहँ, जयवीर सिंह, प्रेमसिंह रावत, कलम सिहँ चौहान, अतोल चँन्द रमोला आदी है