उत्तराखंडटिहरी गढ़वाल

मृतक वंदना को इंसाफ दिलाएंगे रोशन रतूड़ी, हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल।

टिहरी गढ़वाल (जसवीर मनवाल)

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इस दुनिया में शिक्षक के पेशे को सबसे अच्छे और आदर्श पेशे के रुप में माना जाता है क्योंकि शिक्षक किसी के जीवन को बनाने में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देते हैं। उनके समर्पित कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती। शिक्षक वो होते हैं, जो अपने सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखते हैं। वो उनके खाने की आदत, स्वच्छता का स्तर, दूसरों से व्यवहार और पढ़ाई की ओर एकाग्रता की जाँच करते हैं।शिक्षक कभी बुरे नहीं होते लेकिन शिक्षक जीत कोहली ने अपनी ही पत्नी वन्दना की हत्या 20 अप्रैल रात 8 बजे कर डाली आरोपी जीत कोहली शादी के कुछ दिनों बाद से ही अपनी पत्नी से मारपीट करने लग गया था गांव और उसके मायके वालों का आरोप है की जीत सिंह और उसके ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित कर रहे थे लेकिन वन्दना कोहली के माता-पिता बहुत ही गरीब थे तथा उनका कहना है की हमने अपनी पुत्री को हैशियत के अनुसार शादी में घरेलू जरुरत का समान व ज्वैलरी भी कन्यादान के रूप में देदी थी lलेकिन वन्दना के ससुराल वाले कभी भी इतने दहेज से खुश नहीं थे जिस कारण उसे प्रताड़ित किया जाता था आपको बता दे की वन्दना की शादी 15 जनवरी 2019 को हुई थी जिसे मात्र अभी एक साल ही हुआ था और उसकी मात्र तीन माह लड़की है ऐसे में समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने वंदना को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाई  है। उनका कहना है कि आखिर कब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी और कब दषियों को सख्त सजा मिलेगी ? 22 साल की वंदना…वो अब इस दुनिया मे नही है। पुलिस एक तरफ से इस मामले की जांच कर रही है लेकिन मामले में शक के घेरे में पति भी है।रोशन रतूड़ी ने घनसाली टिहरी गढ़वाल के इस मामले में मांग की है की इस मामले में जल्द से जल्द जांच हो।रोशन रतूड़ी ने टिहरी सांसद माला राज्य शाह और घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह व त्रिवेंद्र सरकार को खूब खरी खोटी सुनाया सांसद महोदया तो चुनाव जीतने के बाद अपनी संसदीय क्षेत्र में दिखाई ही नहीं दी और सरकार महिला सुरक्षा का दावा करती है पर राज्य में लगातार हो रही इस तरह की घटना से नहीं लगता की महिलायें सुरक्षित हैं| अंतरास्ट्रीय समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने वन्दना कोहली को इंसाफ दिलाने के लिये अपनी आवाज बुलंद की है जो सराहनीय पहल है |रोशन रतूड़ी ने कहा है की बहन वन्दना को मैं किसी भी हाल में इन्साफ दिलाऊंगा और दोषियों को जब तक कड़ी सजा नहीं मिल जाती तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा |अभी एक दिन पहले ही रोशन रतूड़ी ने दुबई से 24 साल के  कमलेश का शव दिन रात मेहनत करके भारत पहुँचाया था। 

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