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बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए पहला जत्था रवाना, सुरक्षा में हजारों जवान तैनात

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जम्मू I बम-बम भोले के जयघोष के साथ रविवार को आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना हो गया। जत्थे में पारंपरिक पहलगाम और बालटाल रूट के यात्री शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एसपी मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने इस जत्थे को झंडी दिखाकर पवित्र गुफा की ओर रवाना किया। 
मौसम विभाग के अनुसार कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश को छोड़कर अन्य जगह पर मौसम साफ रहेगा। इससे शिव भक्तों को दिक्कत नहीं होगी। शनिवार देर शाम तक आधार शिविर कटड़ा तीर्थ यात्रियों से खचाखच भर गया था। 

अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। यात्रा रूट पर निर्धारित स्थानों पर भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। जत्थे के दौरान आम वाहनों की आवाजाही रोकी जाएगी। आधार शिविर से तड़के चार बजे कड़ी सुरक्षा के बीच जत्थे को रवाना किया गया।

यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि विकट परिस्थितियां भी उन्हें बाबा बर्फानी तक पहुंचने से रोक नहीं सकती हैं। इस साल एक जुलाई से शुरू होकर यात्रा 15 अगस्त श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के दिन संपन्न होगी।
माउंटेन रेस्क्यू टीम बनी अमरनाथ श्रद्धालुओं का सुरक्षा कवच
कश्मीर घाटी में श्री अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। दोनों यात्रा मार्गों पर विशेष माउंटेन रेस्क्यू टीमों (एमआरटी) को तैनात किया गया है। आईजी सीआरपीएफ के अनुसार घाटी में यात्रा की सुरक्षा के लिए कॉमप्रिहेंसिव प्लान किया गया है। सभी सुरक्षा एजेंसियां तालमेल से काम कर रही है। इस बार यात्रा की सुरक्षा के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने यात्रियों से बेखौफ होकर यात्रा पर आने की अपील की।

सीआरपीएफ के आईजी (श्रीनगर सेक्टर) रविदीप सिंह साही ने कहा कि मौसम इस यात्रा के दौरान बड़ी चुनौती रहता है। पिछले वर्ष भी बालटल एक्सिस पर कई बार भूस्खलन हुआ था। मौसम की चुनौतियों और डिजास्टर मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए एक कॉमप्रिहेंसिव प्लान के तहत माउंटेन रेस्क्यू टीमें बनाई गई हैं। सीआरपीएफ, सेना, आईटीबीपी और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा यात्रा मार्गों पर विभिन्न जगहों पर एमआरटी को तैनात किया जाएगा ताकि कभी भी भूस्खलन या कोई प्राकृतिक आपदा आते ही तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया जाए।

उन्होंने बताया कि जम्मू से लेकर बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों के साथ दोनों यात्रा मार्गों पर पवित्र गुफा तक पुख्ता सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे। यात्रा मार्ग को विभिन्न सेक्टर में बांटा गया है। इस यात्रा की सुरक्षा को और हर सेक्टर में अपनी-अपनी आरओपी कंपोनेंट, नाइट एरिया डोमिनेशन, लॉ एंड ऑर्डर कंपोनेंट के साथ-साथ क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) कंपोनेंट भी रहेंगे। 

उन्होंने यह बताया कि इस बार टेक्नोलॉजी का काफी उपयोग किया जा रहा है। पिछले वर्ष की तरह इस साल भी आरएफआईडी चिप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ इस इस बार पहली बार श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा यात्री मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया है, जिससे हर यात्री की लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा। साही ने बताया कि हमारे रीडर इंस्टाल किए जाएंगे। एक-एक यात्री की जानकारी रखी जाएगी। इसके अलावा अनमैन्ड एरियल वेहिकल (यूएवी), ड्रोन, सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जाएगा। अपनी गाड़ियों पर आईपी बेस्ड सीसीटीवी कमेरा इस्तेमाल करेंगे, जिससे रियल टाइम लोकेशन पता लग जाएगी कि हमारे जवान कहां-कहां पर तैनात हैं और रूट के साथ-साथ इलाके की हमें जानकारी मिल पाएगी।

कमांड एंड कंट्रोल स्ट्रक्चर भी बनाया
सीआरपीएफ के आईजी ने बताया कि खतरे को ध्यान में रखते हुए एक विशेष ‘कमांड एंड कंट्रोल स्ट्रक्चर’ भी बनाया गया है। उसके तहत हर प्लान जमीनी स्तर पर लागू होगा। हाल में अनंतनाग में यात्रा रूट पर हुए आत्मघाती हमले को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा संबंधी सवाल पर कहा कि कश्मीर में जो सिक्यूरिटी सेनेरियो है, वह पूरी तरह कंट्रोल में है। यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण होने की उम्मीद है।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें
– फिट रहने के लिए यात्रा से कुछ दिन पूर्व प्रतिदिन 4-5 किलोमीटर सुबह-शाम सैर करें
– अपने सामान से लदे घोड़ों/खच्चरों और कुलियों के साथ-साथ रहें
– पहलगाम और बालटाल के बाद की यात्रा के दौरान बारिश से बचाव को सामान वाटरप्रूफ बैग में रखें
– आते जाते संपूर्ण यात्रा में कोई ऐसा काम न करें, जिससे वातावरण दूषित हो
– खाली पेट यात्रा न करें, इससे गंभीर समस्याएं बन सकती हैं
– यात्रा के लिए पंजीकरण होना जरूरी है
– तंदुरुस्त होकर ही यात्रा पर आएं
– प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था में यात्रा करें
– छड़ी, रेनकोट, छाता, टार्च, गर्म कपड़े और स्लीपिंग बैग आदि साथ में रखें
– अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक ही योजना बनाकर पैदल सफर तय करें
– संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी तुरंत सुरक्षाकर्मियों को दें
– पंजीकृत लेबर, खच्चर और पालकी वालों की सेवाएं लें
– समुद्र तल से हजारों फीट ऊपर जाने के लिए पूरी तरह से फिट रहें
– पहाड़ों पर यात्रा के लिए महिलाएं साड़ी के बजाय सलवार सूट या पैंट पहनें 

  
क्या न करें
– तय ट्रैक के बजाय शार्टकट रूट न अपनाएं।
– चढ़ाई और तीव्र ढलानों पर चढ़ने से परहेज करें।
– चेतावनी वाले स्थानों पर न रुकें और आगे बढ़ते रहें।
– यात्रा के दौरान पॉलीथिन का इस्तेमाल वर्जित है।
– तय किए गए किराये से अधिक भुगतान न करें।
– बोर्ड और प्रशासन के नियमों के मुताबिक ही यात्रा करें। 
– समय-समय पर यात्रा अधिकारी की ओर से दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करें।
जरूरी सामान के साथ यात्रा करें
मेडिकल सहायता: यात्रा के रास्ते में जगह-जगह चिकित्सा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ होते हैं। फिर भी यात्रा पर आने वाले यात्री अपने साथ वह दवाइयां जरूर रखें, जिनका वे नियमित सेवन करते हैं। 

खाना: खाने का जरूरी सामान सरकार की ओर से चंदनबाड़ी, शेषनाग और पंजतरणी में स्थापित दुकानों से उचित कीमत पर मिलता है। फिर भी श्रद्धालुओं को चाहिए कि वह अपने साथ बिस्कुट, टॉफी आदि सामग्री जरूरी रखें। 

कपड़े: अमरनाथ यात्रा के दौरान तापमान नीचे रहता है। ऐसे में यात्रियों को अपने साथ सभी जरूरी सामान रखना चाहिए। वे अपने साथ ऊनी कपड़े, स्वेटर, मंकी कैप आदि लेकर चलें। इसके अलावा विंड चीटर, स्लीपिंग बैग, कंबल, छाता, रेन कोट, वाटरप्रूफ बूट, छड़ी, टार्च आदि भी रखें। 

बीमा: पंजीकरण के साथ ही यात्रियों को बीमा कवर मिलता है। इसके अलावा यात्रा के जोखिम को देखते हुए श्रद्धालु यात्रा पर निकलने से पहले अलग से बीमा करवा सकते हैं। 

ठहरने का बंदोबस्त: यात्रा के दौरान राज्य सरकार और निजी संस्थाओं की ओर से टेंट में रहने की सुविधा मुहैया करवाई जाती है, जिसके लिए बुकिंग बेस कैंपों से की जा सकती है।

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