हिंदू नववर्ष के शुभारंभ पर चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जिलेभर के देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर हरियाली बोई गई। भक्तों ने मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा कर मन्नतें मांगी। देवी के मंदिरों के बाहर सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। इस दौरान भक्तजनों के मां दुर्गा के जयकारे से मंदिर गुंजायमान हो गए।
शनिवार को नवरात्र का विधि-विधान के साथ शुभारंभ हो गया। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना की गई। माता का आशीर्वाद पाने को भक्तों ने उपवास रखा। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी, चंद्रबदनी और कुंजापुरी सहित देवी के कई मंदिरों में सुबह शुभ मुहूर्त में जौ बोए गए। प्रात:काल से ही देवी के दर्शनों के लिए भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। चंद्रबदनी मंदिर समिति के दाता राम भट्ट, दुर्गा प्रसाद भट्ट ने बताया कि सुबह देवी की विशेष पूजा अर्चना की गई। इधर, सुरकंडा मंदिर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि देवी दर्शनों के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ी। बताया कि कद्दूखाल से कई देवी भक्तों ने रोपवे से मंदिर जाने की इच्छा जताई लेकिन बनकर तैयार होने के बाद भी श्रद्धालुओं को निराश होकर पैदल ही नापना पड़ा। नई टिहरी में स्थित सनातन धर्म शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर में चैत्र नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। व्यास मोहन वशिष्ठ ने राम कथा और व्यास बालकृष्ण चमोली ने श्रीमद् देवी भागवत पुराण कथा का प्रवचन किया। आयोजक राजेंद्र प्रसाद चमोली ने बताया कि 14 अप्रैल को कथा का समापन होगा। इस मौके पर नगरपालिकाध्यक्ष सीमा कृषाली भी मौजूद रही। दूसरी ओर, घनसाली के विनयखाल में स्थित ज्वालामुखी मंदिर पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देवी के दर्शन कर मन्नतें मांगी। इस दौरान 10 दिवसीय मेले का शुभारंभ किया गया। इससे पहले तिसरियाड़ा गांव से साज जोड़ी ढोल-दमाऊ के साथ देवी की मूर्ति को कलश यात्रा के साथ ज्वालामुखी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की गई। कथा वाचक गौ गंगा कृपाकांक्षी गोपाल मणि जी महाराज ने रामकथा और सुरेश भट्ट ने मां भगवती की महिमा का गुणगान किया। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष बचल सिंह रावत, सचिव सोहन लाल रतूड़ी, अमर सिंह राणा, अमनदीप भट्ट, किशन सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य धनपाल नेगी, मनमोहन डिमरी, गौरीशंकर, महिपाल सिंह राणा मौजूद थे।