उत्तरकाशीउत्तराखंड ताज़ा

दो वर्षों से कोरेाना संकट के बाद धूमधाम से मनाया जाएगा पारंपरिक बटर फेस्टिवल

%E0%A4%A6%E0%A5%8B%20%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9F%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%A7%E0%A5%82%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%AE%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%97%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%AC%E0%A4%9F%E0%A4%B0%20%E0%A4%AB%E0%A5%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B2

  • दयारा बुग्याल में 17 अगस्त को होगा पारंपरिक ऐतिहासिक अढूंडी उत्सव का आयोजन 
  • माहि जौनपुर फिल्म्स टीम की सांस्कृतिक झलकियां देखने को मिलेगी

उत्तरकाशी। कोरोना संकट के दो साल बाद इस वर्ष अगस्त महीने में रैथल के ग्रामीण दयारा बुग्याल में पारंपरिक व ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल यानि अढूंडी उत्सव का आयोजन करेंगे। 16 व 17 अगस्त का आयोजित होने वाले इस पारंपरिक उत्सव के लिए रैथल के ग्रामीणों ने तैयारियां शुरू कर दी है। 

 समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर 28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीणों सदियों से भाद्रप्रद महीने की संक्रांति को दूध मक्खन मट्ठा की होली का आयोजन करते हैं। प्रकृति का आभार जताने के लिए आयोजित किए जाने वाले इस दुनिया के अनोखे उत्सव को रैथल गांव की दयारा पर्यटन उत्सव समिति व ग्राम पंचायत बीते कई वर्षों से बड़े पैमाने पर दयारा बुग्याल में आयोजित कर रही है, जिससे देश विदेश के पर्यटक इस अनूठे उत्सव का हिस्सा बन सके। 

%E0%A4%85%E0%A4%A2%E0%A5%82%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80%20%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%B5%20%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%20%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%A7%20%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A4%A8%20%E0%A4%AE%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%A0%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%96%E0%A5%80%20%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%80

रविवार को रैथल में आयोजित बैठक में दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने इस वर्ष 17 अगस्त को पारंपरिक रूप से दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल के आयोजन का भव्य रूप से आयोजन का फैसला लिया। दो वर्षों से कोरेाना संकट के चलते बटर फेस्टिवल का आयोजन ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर पर ही परंपराओं का निर्वहन करते हुए बेहद सूक्ष्म स्तर पर किया था। इस वर्ष होने वाले आयोजन में दयारा बुग्याल में ग्रामीण देश विदेश से आने वाले मेहमानों के साथ 17 अगस्त को मक्खन मट्ठा की होली खेलेंगे। 

इस मौके पर दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा, सरपंच गजेंद्र राणा, उपप्रधान रैथल विजय सिंह राणा, वार्ड सदस्य बुद्धि लाल आर्य, समिति के सदस्य मोहन कुशवाल, सुरेश रतूड़ी, संदीप राणा, यशवीर राणा, राजवीर रावत, विजय सिंह राणा, पंकज कुशवाल, प्रवीन रावत समेत अन्य मौजूद रहे। 

अढूंडी उत्सव यानि दूध मक्खन मट्ठा की अनोखी होली 

रैथल के ग्रामीण गर्मियों की दस्तक के साथ ही अपने मवेशियों के साथ दयारा बुग्याल समेत गोई चिलापड़ा में बनी अपनी छानियों में ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए पहुंच जाते हैं। उंचे बुग्यालों में उगने वाली औषधीय गुणों से भरपूर घास व अनुकूल वातावरण का असर दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर भी पढ़ता है। ऐसे में उंचाई वाले इलाकों में सितंबर महीने से होने वाली सर्दियों की दस्तक से पहले ही ग्रामीण वापिस लौटने से पहले अपनी व अपने मवेशियों की रक्षा के लिए प्रकृति का आभार जताने के लिए इस अनूठे पर्व का आयोजन करते हैं। स्थानीय स्तर पर अढूंडी पर्व के नाम से जाना जाने वाले इस बटर फेस्टिवल में समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर ताजे मक्खन व छाछ से होली खेली जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!