कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
थत्यूड़। मनरेगा कर्मियों ने पिछले दस माह से मानदेय न मिलने पर कर्मचारियों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बना हुआ है। कहा कि सरकार के सबसे बड़ी रोजगार योजना को कर्मचारी बेहतर तरीके से संचालित कर रहे हैं, लेकिन समय पर उन्हें मानदेय नहीं मिलता है। जबकि 10 माह से वह मानदेय के लिए जूझ रहे हैं।
मंगलवार को यहां थत्यूड़ में संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष राजपाल सिंह पडियार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मनरेगा कर्मियों ने कहा कि 10 माह से मानदेय का भुगतान न होने के कारण परिवार और उन्हें आर्थिक कठिनाईयों से जूझना पड़ रहा है। बच्चों की स्कूल फीस भी वे जमा नहीं कर पा रहे है। मांगों को लेकर गत वर्ष अनिश्चिित कालीन हड़ताल के दौरान सरकार ने वार्ता कर उन्हें हड़ताल अवधि का मानदेय भुगतान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। शासन-प्रशासन पर मनरेगा कर्मियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। जल्द ही मानदेय भुगतान न होने पर फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। कहा कि मामले में विभागीय उच्च अधिकारियों समेत प्रशासन और सरकार को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। अब जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है। ऐसे में उन्हें तत्काल मानदेय भुगतान किया जाए। इस मौके पर डीपीओ प्रवेश पोखरियाल, सुमन रौंछैला, हरि लेखवार, गोपाल रमोला, विपिन पोखरियाल, हरीश गौड़, अरविंद चौहान, दीपक सकलानी, मामराज बिष्ठ, सुनील, अजय पंवार, विक्रम रावत, दीपेंद्र पंवार उपस्थित रहे।