उत्तराखंड ताज़ाटिहरी गढ़वाल

जिले की सभी 10 तसहीलों में डीडीआरएफ की टीमें की तैनात: इवा

 

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आपदा में खोज-बचाव का काम करेगी डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स

नई टिहरी। टिहरी डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव ने अभिनव प्रयोग करते हुए एसडीआरएफ की तर्ज पर टिहरी जिले की सभी 10 तहसीलों में मानसून सीजन में दैवी आपदा की घटनाओं में रेसक्यू के लिए डीडीआरएफ (डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की तैनाती गई है। इससे पहले यह प्रयोग सिर्फ रूद्रप्रयाग जिले में किया गया था और वहां पर सफल भी रहा।

डीएम ने बताया कि मानसून सीजन में दैवीय आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। कहा पहाड़ की विकट भौगोलिक स्थिति के कारण दैवीय आपदा आने पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को घटना स्थल पर पहुंचने में कई बार ज्यादा समय लग जाता है। ऐसे में जिला प्रशासन ने तहसील स्तर पर ही प्रशिक्षित होमगाडर््स और पीआरडी जवानों की न्यूनतम पांच-पांच की टुकड़ी तैयार कर घनसाली, प्रतापनगर, नरेंद्रनगर, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, जाखणीधार, कंडीसौड़, धनोल्टी, नैनबाग और टिहरी तहसील में तैनात कर दी है। इन जवानों को पांच दिवसीय आपदा प्रबंधन खोज-बचाव व प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण दिया गया था। बताया कि डीडीआरएफ की टीमें मानसून सीजन की समाप्ति 30 सितंबर 2021 तक तहसीलों में तैनात रहेंगी। दैवीय आपदा की घटना पर संबधित एसडीएम, तहसीलदार के नेतृत्व में डीडीआरफ की टीम रेसक्यू अभियान शुरू करेंगी। टीमों के पास तहसीलों में उपलब्ध खोज-बचाव उपकरण हर समय तैयार स्थिति में रहेंगे। सभी टीमें तहसीलों में ही रहेंगी। तहसील कंट्रोल रूम मानसून में 24 घंटे एक्टिव रहेंगे। डीएम ने बताया कि आपदा आने पर डीडीआरएफ. टीम घटना स्थल पर जाकर घटना का प्रकार, प्रभावितों की संख्या, भौगोलिक क्षेत्र की सूचना को प्राथमिकता के आधार पर आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराएगी। पुलिस, एंबुलेंस भी इन टीमों के साथ समन्वय बनाकर खोज-बचाव का कार्य करेंगी। भविष्य में डीडीआरएफ. टीम  को और अधिक दक्ष व कार्यकुशल बनाने के लिए क्षमता विकास प्रशिक्षण, उपकरणों का रख-रखाव प्रयोग की जानकारी भी दी जाएगी।

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