उत्तराखंड ताज़ाटिहरी गढ़वालथत्यूड
जिलाधिकारी ने मनरेगा कार्यो की खराब स्थिति में बीडीओ चम्बा को लगाई फटकार वहीं खंडविकास अधिकारी भिलंगना के वेतन रोकने के दिये निर्देश
ब्यूरो रिपोर्ट फास्ट खबर 24
थत्यूड़। मनरेगा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 मैं विभिन्न रेखीय विभागों द्वारा केन्द्राभिसरण/युगपितिकरण की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने मनरेगा कार्यो की खराब स्थिति को देखते हुए जहाँ बीडीओ चम्बा को कड़ी फटकार लगाई वहीं खंडविकास अधिकारी भिलंगना के वेतन रोकने के निर्देश दिए है। उद्यान विभाग के मनरेगा कन्वर्जेन्स कार्यो की समीक्षा के दौरान योजनाओ के क्रियान्वयन व लाभार्थियों की संख्या इत्यादि को लेकर जिला स्तरीय अधिकारी एवं क्षेत्रीय कर्मचारियों अलग-अलग ट्यूनिंग पर जिलाधिकारी ने हैरानगी जताते हुए कहा कि इस मुश्किल परिस्थितियों में भी अगर संवेदनशीलता नही दिख रही है तो सामान्य परिस्थितियों में कल्पना करते ही हालात बयां हो जाते है।
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उन्होंने डीएचओ को फटकार लगते हुए क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ निरंतर कार्यप्रगत्ती की समीक्षा करने के निर्देश के साथ ही आगामी बैठकों में पूरी तैयारी के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने सभी रेखीय विभागों के अधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिए कि क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक प्रविष्ट उनकी उपलब्धि के आधार पर दी जाए। जिलाधिकारी ने कहां की मनरेगा मैं प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने का पर्याप्त पोटेंशियल है लेकिन खंड विकास अधिकारियों की शिथिलता चिंता पैदा करती है। उन्होंने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक पखवाड़े में कन्वर्जन से संबंधित कार्यों की समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह इस मानसून सत्र में किए गए प्लांटेशन स्थलों का भ्रमण करते हुए फोटो एवं वीडियो को व्हाट्सएप ग्रुप पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने की जिम्मेदारी मुख्यतः उद्यान पशुपालन कृषि मत्स्य विभागों की है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रजाति के पौधों का रोपण या प्लांटेशन अगस्त माह के प्रथम सप्ताह तक पूरा हो जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही कतई बर्दाश्त नहीं होगी। इस अवसर पर बताया गया कि जनपद में प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए कुकुट पालन भी बहुत महत्वपूर्ण है जिसके तहत जनपद में कुल 6 क्लस्टर निर्धारित किए गए हैं। सीवीओ ने बताया कि डिमांड के मुताबिक अगस्त के प्रथम सप्ताह में चूजों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होगी। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के मुताबिक 15 दिन के भीतर मुर्गीबाड़ों का निर्माण शुरू करते हुए 1 माह की समयसीमा के भीतर पूरा करें। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लाभार्थी छूट गए हैं। यदि उनके द्वारा आवेदन किया जाता है तो उसे स्वीकार किया जाए किसी भी सूरत में आवेदन को प्राप्त करने से इनकार न होने पाए। जिलाधिकारी ने भी संबंधित अधिकारियों एवं क्षेत्र कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि भविष्य में आपसी समन्वय का अभाव दिखता है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा कृषि, शिक्षा, वन विभाग, भेषज, रेशम, मत्स्य विभागों की भी समीक्षा की गई । बैठक में सीडीओ अभिषेक रुहेला, डीएफओ कोको रोसे, पीडी भरत चंद्र भट्ट, डीडीओ आनंद भाकुनी, जिला उद्यान अधिकारी डॉ डीके तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी तिवारी, सहायक निदेशक मत्स्य अल्पना हल्दिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पीएस रावत, अधिशासी अभियंता जल संस्थान, राजकीय सिंचाई, लघु सिंचाई के अलावा खंड विकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।