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चंद्रबाबू नायडू को एक और झटका, प्रवक्ता लंका दिनकर और बिजनेस सेल के सचिव कोनेरू BJP में शामिल

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नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को एक के बाद एक झटका लग रहा है। प्रवक्ता लंका दिनकर ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए। दिनाकर ने टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को भी अपना इस्तीफा सौंप दिया। 

उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में कहा, ‘मैं लंका दिनकर अपने परिवार के सदस्यों के सर्वसम्मति से निर्णय के बाद पार्टी में राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के रूप में अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं।’ बीजेपी में शामिल होने पर दिनकर ने कहा, ‘मैं बीजेपी में शामिल होकर बहुत खुश हूं। मैं इस राष्ट्र के निर्माण के लिए पीएम मोदी और अमित शाह जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहता हूं। मैं आंद्र प्रदेश में पार्टी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।’ 

इनके अलावा टीडीपी बिजनेस सेल के सचिव, कोनेरू वेंकट कृष्णन भी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राज्यसभा सदस्य राम कुमार कश्यप और पूर्व सांसद एपी अब्दुल्लाकुट्टी भी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। 

इससे पहले, टीडीपी के राज्यसभा सांसद- वाईएस चौधरी, सी एम रमेश, टी जी वेंकटेश सभी आंध्र प्रदेश के और तेलंगाना के रहने वाले जी मोहन राव पिछले हफ्ते भाजपा में शामिल हुए। चारों सांसदों ने राज्यसभा के चेयरमैन और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा था। हालांकि इनके इस्तीफे के बाद भी इनकी राज्यसभा की सदस्यता नहीं जाएगी क्योंकि पार्टी के मौजूदा राज्यसभा सदस्यों में से आधे से अधिक सांसद एक साथ पार्टी छोड़ रहे थे। इन चार सदस्यों के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अब राज्यसभा में पार्टी  के सांसदों की संख्या 6 से घटकर अब 2 हो गई है। 

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में टीडीपी के महज 23 सीटों पर सिमटने के एक महीने बाद यह बात पार्टी को ये झटके लगे हैं, जबकि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी को 175 में से 151 सीटों पर जीत हासिल हुई। हाल के लोकसभा चुनावों में भी टीडीपी केवल 3 सीटें जीत सकी।

2014 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी एनडीए की साथी थी लेकिन 2018 में पार्टी ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया था। जबकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के समर्थन में वोट किया था। टीडीपी ने कहा था कि बीजेपी सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देकर, यहां के लोगों  के साथ विश्वासघात किया है। 

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