देहरादून I तबादला एक्ट के तहत शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक से बीईओ तक के 12 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। सचिव डा. आर मीनाक्षी सुंदरम ने मंगलवार देर शाम तबादला आदेश जारी किए। वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून आशारानी पैन्यूली ने एक्ट के प्रावधानों से इतर तबादला होने पर नाराजगी जताई है।
सुगम से दुर्गम में अनिवार्य तबादलों के तहत विभागाध्यक्ष सीमैट षष्ठी बल्लभ जोशी को प्राचार्य डायट बागेश्वर, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून आशारानी पैन्यूली को प्राचार्य डायट गौचर, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) ऊधमसिंह नगर पदमेंद्र सकलानी को डीईओ (बेसिक) बागेश्वर, प्रभारी उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय चंदन सिंह बिष्ट को खंड शिक्षा अधिकारी भैंसियाछाना अल्मोड़ा के पद पर तैनाती दी गई है।
वहीं, दुर्गम से सुगम में मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली ललित मोहन चमोला को मुख्य शिक्षा अधिकारी ऊधमसिंह नगर, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पौड़ी हरेराम यादव को उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बनाया गया है।
बिना पात्रता कैसे किया तबादला
अनुरोध के आधार पर मुख्य शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद्र गौड़ को विभागाध्यक्ष सीमैट, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी बागेश्वर हरीश चंद्र सिंह रावत को उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा, प्रभारी प्राचार्य डायट गौचर चमोली कुंवर सिंह को उप निदेशक महानिदेशालय, समग्र शिक्षा कार्यालय विशेषज्ञ उमा पंवार को खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला बनाया गया है। इसके अलावा देर रात प्रधानाचार्यों, प्रवक्ता, एलटी व जिला स्तर पर बेसिक शिक्षकों के तबादला आदेश भी जारी किए गए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने पात्रता के बिना तबादला किए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि छह माह से कम में उनका तबादला कर दिया गया। अनिवार्य तबादलों की सूची में सात संयुक्त निदेशक आ रहे थे।
एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक 10 फीसदी में शामिल अधिकतम एक संयुक्त निदेशक का तबादला होना चाहिए था। जो संयुक्त निदेशक पहले स्थान पर थे, उनका तबादला किया जाना चाहिए। लेकिन उनका भी तबादला कर दिया गया, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराएंगीं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने पात्रता के बिना तबादला किए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि छह माह से कम में उनका तबादला कर दिया गया। अनिवार्य तबादलों की सूची में सात संयुक्त निदेशक आ रहे थे।
एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक 10 फीसदी में शामिल अधिकतम एक संयुक्त निदेशक का तबादला होना चाहिए था। जो संयुक्त निदेशक पहले स्थान पर थे, उनका तबादला किया जाना चाहिए। लेकिन उनका भी तबादला कर दिया गया, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराएंगीं।