पर्यावरण को बचाने के लिए टिहरी जिले के ग्राम सभा बनाली के कुछ युवाओं ने कल्याण सिंह द्वारा चलाए गए मैती आंदोलन प्रथा की राह पकड़ ली है।जब भी गांव में किसी भी लड़की की शादी हो तो लड़की अपने मायके (मैत) में एक फलदार वृक्ष लगाकर अपने ससुराल जाए और वृक्ष के संरक्षण की जिम्मेदारी अपने मायके वालों को दे।शादीशुदा जोड़े द्वारा लगाया गया वृक्ष उनको उनकी शादी का दिन याद दिलाएगा और भी बहुत सारी भावनात्मक बाते जुड़ी होंगी।इस प्रकार से लगाए गए वृक्ष पर मैती पक्ष और दुल्हन दोनों का भावनात्मक लगाव रहेगा, जिस कारण पेड़ का संरक्षण अच्छे से हो सकता है।गांव में यह पहल शुरू करने वाले युवाओं में युद्धवीर, संदीप, महेंद्र, कुलवीर और संजय जिन्होंने हाल में ही दो शादियों में दूल्हा – दुल्हन से पेड़़ लगवाए और युवाओं ने संगठन को बड़ा बनाने की बात भी कही ताकि अन्य गांवो में भी ऐसा कार्य हो और पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके। कनाडा में मैती आंदोलन की खबर पढ़ कर वहां की पूर्व प्रधानमंत्री फ्लोरा डोनाल्ड आंदोलन के प्रवर्तक कल्याण सिंह रावत से मिलने आ गईं । वे मैती परंपरा से इतना प्रभावित हुई कि उन्होंने इसका कनाडा में प्रचार – प्रसार शुरु कर दिया । अब वहां भी विवाह के मौके पर पेड़ लगाए जाने लगे हैं। मैती परंपरा से प्रभावित होकर कनाडा सहित अमेरिका, ऑस्ट्रिया , नार्वे , चीन , थाईलैंड और नेपाल में भी विवाह के मौकों पर पेड़ लगाए जा रहे है। विदेशो में भी उत्तराखंड के चमोली जिले के कल्याण सिंह द्वारा चलाई गई मैती प्रथा अपनाई जा रही है तो हमारे गांव में भी अपनाई जानी चाहिए।
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