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उत्तराखंडः दो बहनों की हत्या के केस में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पुलिस
देहरादून I ऋषिकेश में दो बहनों के हत्यारे की सजा बदलने के हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध दून पुलिस अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। हत्यारे ने छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म भी किया था। इसमें दोष सिद्ध होने पर पोक्सो कोर्ट ने तो फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सजा के आदेश को बदलते हुए विवेचक की जांच के आदेश दिए थे। एसएसपी के मुताबिक इस मामले में शासन ने सुप्रीम कोर्ट जाने की अनुमति दे दी है।
घटना 15 जून 2017 में ऋषिकेश थानांतर्गत श्यामपुर में हुई थी। एक धार्मिक स्थल के सेवादार पर आरोप था कि उसने पड़ोस में रहने वाली एक महिला की दो बेटियों की हत्या कर दी थी। अदालत में दोष साबित भी हुआ कि उसने छोटी बहन से दुष्कर्म के बाद उसका गला दबाकर हत्या कर दी थी। बड़ी बहन ने जब इसका विरोध किया तो हत्यारे ने उसे भी मार डाला।
इस मामले में स्पेशल पोक्सो जज देहरादून रमा पांडेय की अदालत ने दोषी परवान सिंह को अगस्त-2018 में फांसी की सजा सुनाई थी। इसी मामले में पिछले दिनों बचाव पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में अपील की तो उन्होंने स्थानीय विशेष अदालत का फैसला बदल दिया।
सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए शासन से अनुमति मांगी
इधर, पुलिस उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इस प्रकरण में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। अब शासन की ओर से अनुमति मिल गई है। जल्द सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के विरुद्ध अपील की जाएगी। इस संबंध में अब विधि राय मशविरा लिया जा रहा है।
मुठ्ठी और बिस्तर पर मिले थे दाढ़ी के बाल
मुकदमे में एफएसएल रिपोर्ट ने भी सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। छोटी बच्ची के हाथों में सफेद बाल मिले थे, जिनका डीएनए परवान सिंह के डीएनए से मिलान हुआ। इसके अलावा बिस्तर पर मिले बालों का भी डीएनए परवान से मैच हुआ था। ये बाल परवान सिंह की दाढ़ी के थे।
मुठ्ठी और बिस्तर पर मिले थे दाढ़ी के बाल
मुकदमे में एफएसएल रिपोर्ट ने भी सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। छोटी बच्ची के हाथों में सफेद बाल मिले थे, जिनका डीएनए परवान सिंह के डीएनए से मिलान हुआ। इसके अलावा बिस्तर पर मिले बालों का भी डीएनए परवान से मैच हुआ था। ये बाल परवान सिंह की दाढ़ी के थे।