नई दिल्ली। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आज एक ऐतिहासिक दिन है। दोनों सदनों ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिया है। यह एक बदलते भारत की शुरुआत है।’ वहीं कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि इस देश के अंदर किसी भी फैमिली लॉ को लेकर एक बहुत बड़ा झटका है। एक सिविल लॉ को एक क्रिमिनल लॉ बनाया गया है। यह एक ऐतिहासिक भूल है।’
एक बार में तीन तलाक देने पर अब ये बदलाव होगा-
- अब एक बार में तीन तलाक कहना अपराध होगा। फोन, व्हाट्सअप, ईमेल और चिट्ठी के जरिए तीन तलाक देना अपराध होगा।
- यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रोनिक रूप से या किसी अन्य विधि से एक बार में तीन तलाक देता है तो ये अपराध होगा।
- तीन तलाक देने पर 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पीड़ित या पीड़ित का परिवार पति के खिलाफ FIR दर्ज करवा सकता है। FIR होने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी होगी।
- इस मामले में पुलिस नहीं मजिस्ट्रेट से जमानत मिल सकती है। मजिस्ट्रेट सुलह भी करा सकता है
- इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।