देहरादून I उत्तराखंड में 12वीं के बाद टीचर बनने के कोर्स की राह खुल गई है। कॉलेज अब इस कोर्स की मान्यता के लिए एनसीटीई में आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद सरकार ने नए कोर्स की मान्यता पर रोक हटा दी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस साल से 12वीं के बाद दो नए कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। नए इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) कोर्स 12वीं के बाद किए जाएंगे, जिन्हें करने के बाद प्राइमरी और अपर प्राइमरी में टीचर बन सकेंगे।
सरकार की अपर प्राइमरी स्तर तक जो भी शिक्षक भर्ती होगी, उनमें यह कोर्स चलेंगे। इस साल मान्यता की प्रक्रिया शुरू करने के बाद एनसीटीई सत्र 2020-21 से इस कोर्स का संचालन देशभर में कराएगी।
उत्तराखंड में छह साल से बीएड, डीएलएड कोर्स की मान्यता पर रोक है। आईटीईपी आने के बाद इसकी मान्यता पर भी रोक लगा दी गई थी। अमर उजाला ने 28 जून को पेज-1 पर ‘उत्तराखंड में एनसीटीई के नए पाठ्यक्रमों पर सरकार की रोक’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
मामला उठने के बाद सरकार ने रोक हटाने का फैसला लिया है। अब कोई भी कॉलेज इन कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है। सरकार से एनओसी में कोई परेशानी नहीं होगी। रोक हटने का फायदा प्रदेश के युवाओं को मिलेगा। वह अपने प्रदेश में ही 12वीं के बाद टीचर बनने की पढ़ाई कर सकेंगे।
हमने एनसीटीई के दो नए आईटीईपी पाठ्यक्रमों से रोक हटा दी है। कॉलेज अपने मानक पूरे करने के बाद आवेदन कर सकते हैं। हमारा मकसद युवाओं को हर नए मौके का लाभ दिलाना है।
-डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री